भावों और नवग्रहों के कारकत्व

ॐ नमस्कार मित्रों , इस लेख मे हम भावों और ग्रहों के कारकत्व के विषय मे जानेंगे | santoshkipathshala.blogspot.com/2012/08/basics-of-astrology.html जनम कुंडली या प्रसन कुंडली में बारह भाव होते है उनकी संज्ञा निम्न अनुसार है :- १- केंद्र : १,,४,७,१० (1,4,7,10) भाव केंद्र कहलाते है इनके स्वामी हमेशा शुभ होते है । २ - त्रिकोण : १,५,९ (1,5,9) भाव त्रिकोण कहलाते है । त्रिकोण का स्वामी चाहे सौम्य हो या क्रूर वह शुभ फल ही करेगा ३ - त्रि सडाय : ३,६,११ (3,6,11) भाव के स्वामी सामान्यतः अशुभ पर यदि स्व राशि में बेठे है तो शुभ यदि इन भावो के स्वामी निर्बल है तो अशुभ । ४: द्वितीय व द्वादस भाव: ये भाव सम भाव है न शुभ न अशुभ ...